गुप्त दानोवर कर द्यावा लगन की नहीं?
साई इंस्टीट्यूशनला मोथ्या प्रमाण पत्र गुप्त दान देना येत असतात। या गुप्तदानवरून रसायन विभाग और संस्थान मुंबई हाइकोर्ट खटला सुरु होता है। त्यावराने न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय दिल्ली। ‘श्री साईबाबा इंस्टिट्यूट ट्रस्ट’ के सात धार्मिक विश्वास पात्र हैं।
जस्टिसमूर्ति ब्रे कुलकर्णी और जस्टिसमूर्ति सोमशेखर सुंदरसन यांच्या खंड्या क्रीअ अपील न्यायाधिकरण (आईटीएटी) अक्टूबर 2023 च्याडिलाला आव्हान डेनारे क्रिएचर विभागाने दखल केलेली अपील फेटाली। विश्वास ही धर्मदाय और धार्मिक संस्था असल्याने त्याच्या नामी डेन्ग्यनवर क्रैवलत मिळन्यास पात्र हे, असं आउटत हत्लानय।
उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण की मान्यता प्राप्त दर्शनावली आसुन शिर्डी साईबाबा मंदिर ही धार्मिक संस्था और धर्मदाय ट्रस्ट दोन्ही आहे। त्यामुले, आशा संस्थेला मिळालेली कोणतिही निनावी देंगी कर सवालातिच्या लाभासाथी पात्र/हक्क असल्याच म्हन्यात अलंय। शिवाय धार्मिक संस्थाएं देंग्यांवर कैंची सूट डेन्यासाथी कैंची कायद्याच्या कलम 80जी मध्ये तरतूद कर्णयात अलंय। मात्रा अशी सूट मिळन्यासाथी कहै अति देन्यात आल्यात.
क्या आप जानते हैं कि कृषि संयंत्र में कितनी लागत आती है?
नियमों के अनुसार, देना होगा प्राप्त करनारी संस्था भारत सरकार, राज्य सरकार द्वारा स्थापित, गैर मान्यता प्राप्त धर्मदाय संस्था।
दानचा उद्देश धार्मिक, सामाजिक किनवा अन्य छात्र कार्य असने आवश्यक हैं।
देंगिदाराने देंगिचे प्रमाण पत्र घेणे को असतं की आवश्यकता है। जे सेवाभावी संस्थानेद्वारे जारी केलं असावं। इंकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए प्रमाण पत्र जोड़ा गया है।
वेगवेग्या सेवाभावी संस्था देगी प्रतिबंध बदलू सक्तात।
कोई संस्था नहीं चाहती थी कि 50% से अधिक रसायनिक पदार्थ नहीं मिल सकते थे, लेकिन कोई संस्था ही प्रतिबंध कम नहीं कर सकती थी।