कार्यक्रम में संस्थान के मील के पत्थर पर प्रकाश डाला गया, जिसमें अनुसंधान में प्रगति और शैक्षणिक और व्यावसायिक कार्यक्रमों का कार्यान्वयन शामिल है। आईआईएम रोहतक ने बताया कि यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष अरविंद सक्सेना मुख्य अतिथि थे और मेजर जनरल अमित तलवार, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यरत थे।
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आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रोफेसर धीरज शर्मा ने सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण और अनुशासन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, और छात्रों से स्वतंत्र रूप से सोचने और ‘नव-उपनिवेशवाद’ के प्रभाव से बचने का भी आग्रह किया।
यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष अरविंद सक्सेना ने बताया कि कैसे आईटी ने संचार और निर्णय लेने को बदल दिया है, जिससे प्रक्रियाएं तेज और अधिक कुशल हो गई हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सार्थक प्रगति वास्तविक जरूरतों को संबोधित करने और विचारपूर्वक परिवर्तन का प्रबंधन करने से उत्पन्न होती है।
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मेजर जनरल अमित तलवार, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने नेतृत्व, अनुशासन और लचीलेपन के मूल्यों पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में ‘द एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट’ पर एक पैनल चर्चा भी हुई और पैनलिस्टों ने उद्यमिता की चुनौतियों और उन्हें प्रेरित रखने वाले दृष्टिकोण पर विचार करते हुए अपनी यात्राएं साझा कीं। उन्होंने अनिश्चितताओं से निपटने और दीर्घकालिक सफलता को बढ़ावा देने में जोखिम, लचीलेपन और नवाचार को संतुलित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि उत्सव का समापन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जिसमें आईआईएम रोहतक के छात्रों की प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया।
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